Thursday, December 30, 2004

बहुत दिनों के बाद

जी मसरुफियत नहीं थी ‍ कोई लाचारी भी नही थी ‍ कोई वजह नही थी, बस युँ ही नही लिखा कुछ दिनों से ‍ अभी दिल भरा सा है मानों वो ज्वार भाटाऍ मेरे दिल में समा गईं हैं ‍ खैर यह कवरैज मिडिया पर ही छोङ देता हुँ ‍

आज कल मैं पङ रहा हुँ Autobiography of a Yogi - लेखक परमहँस योगानन्द ‍ अगर फुरसत हो तो जरुर पङें ‍

नऍ वर्ष की सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाऍ:

सर्वे भवन्तु सुखीन् सर्वे सन्तु निरामयः ‍
सर्वे भद्राणी पश्यन्तु मा फलेषु कदाचनः ॥

बैठे बैठे बार बार यह मन में घूम रहा हैः

आप से मिल के हम कुछ बदल से गऍ
शेर पङने लगे, गुनगुनाने लगे
पहले मशहूर थी अपनी संजिदगी
अब तो जब देखो तब मुस्कुराने लगे

Sunday, December 19, 2004

बाजी की लग गई

जी नही ऊपर मैंने गलती से नही लिखा है । मैं तो बात कर रहा हुँ http://www.baazi.com की । भई मामला सनसनीखेज हो गया । सभ्य और सुशील लोंगो की पप्पी झप्पी बासी खबर हो गई | वास्तविकता जैसी खबरें वैसी तो नई वास्तविकता मिल ही गई स्कूलों में | नेता और मिडिया दोनों ही पूलिस के पीछे हाथ धो कर पङ गऍ । पूलिस वालों पर दया आ रही है मुझे । ऍक तो दिल्ली में नेताओं की गुलामी और अब यह । भाई कमाई कब करें । अब पूलिस वही करेगी जो उसके बस की है । यानी जिनसे पैसा नही खाया है उनको पकङो । भई फूँक कार्य का सुख पाने वाला रहा नाबालिग और धनाड्य घर वाला । पूत के पाँव पालने में (और .... कहाँ पर :) ) े । बाकी पालिका बाजार वालों के हफ्ते से चलता है चाय पानी । सो बचे बेचारे बाजी के सी. ई. ओ. और आई आई टी का होनहार ईंजीनियर । सभ्य हैं, सुशील हैं, मतलब बली के बकरे के सारे गुण मौजूद हैं । वैसे आई आई टी वाले को यहाँ पर आराम से नग्नतापुर्ण जालोद्योग में रोजगार मिल जाऍगा ।

मूद्दा यह है की हम सभी जानते हैं की दोषी कौन है । पुलिस विभाग की काबिलियत पर कोई शक नही है ।

तो पालिका बाजार वालों पर कानूनी कार्यवाही होगी की नही,
छोटु जेल जाऍगा ? बाजी वाला छूट पाऍगा ? देखेंगे अगले हफ्ते .. हम लोग ।

तेरे दर पर है रुसवाई यह इल्म ना था साहिल
रूख हवाओं का वरना हम बदल देते

Friday, December 17, 2004

बकझक

आज ऐक बहुत ही अजीब सा सयोंग बैठा । अतुल जी का लेख अभी पङ कर उठे ही थे की पाता ऐक झबरू काला कुत्ता सङक जो सङक किनारे पङा था जैेसे अमेरिका में बिना नौकरी के देसी । पाया की बेचारा कुत्ता बङा डरा सहमा सा था । अब देसी तो था नही की हर स्थिति में मौज । हमने उस कुत्ते से थोङा भाई चारा दिखाया । आखिर उसकी स्थिति से हम भी गुजरे थे जब अमेरिका आऐ थे । खैर फिर मालकिन आई दौङते हाफँते । कुत्ते को गले लगाया । हमसे सिर्फ थेन्कयु ! दिल तो करा सुना दें कि क्या हममें काटें लगे हैं पर मौहल्ला धर्म निभाया और बत्तीसी ही दिखाई ।

आज हमारा ऍच आई वी टेस्ट हुआ । नही नही सभ्य और नेकनीयत ही हैं, ईमिगरेशन के लिऐ हुआ था । हमसे पूछा और कोई बिमारी । हमने कहा ऍच आई वी नही ऍच वन बी से पीङित हैं । डाँकटर देसी था खूब हसाँ ।
यह शेर याद आ गयाः

दोस्त बन कर भी नही साथ निभाने वाला
वो ही अन्दाज है जालिम का जमाने वाला

Wednesday, December 15, 2004

गणित की नई महिमा

भई आज सुबह जाना की गणित में हम कितने कमजोर रह गऐ हम तो केवल गुणा भाग ही सीखे, यहाँ देखें आप साधू साधवियाँ क्या क्या सीख सिखा गऍ

मेरे अश्क भी हैं इसमें
यह शराब ऊबल ना जाऍ
मेरा जाम पीने वाले
तेरा हाथ जल ना जाऍ

Tuesday, December 14, 2004

अबे चपङ के नाती !

आज मैंने बहुत दिनों के बाद ॠषिकेष मुखर्जी दिवस मनाया | गोलमाल देखी , अँगूर आधी देखी | बहुत मजा आया | आज खूबै काम का ऍकटिँग किया | मालिक का पूरा पैसा वसूल हफ्ते भर का | अब चार दिन ठलूआबाजी |

बंबई से आया मेरा दोस्त, दोस्त को सलाम करो |
रात को खाओ पीयो, दिन को आराम करो |

नही भाई मिथुन दादा या बप्पी दा का कोई कसूर नही | सही में मेरा दोस्त बंबई से आ रहा है |

अभी मेरे दोस्त के साथ पाप नगरी वेगास जाने का कार्यकृम बन रहा है | अबकी शायद वहीँ मनेगी किर्समस | तौबा पर वहाँ जूआ नही खेलूँगा अबके | उस याञा का विस्तृत वर्णन कभी फुरसत में लिखुँगा |

आज खाना बनाया गया | फिर कचरा पेटी को खिलाया गया |

जिसका काम उसी को साझे,
और करे तो डँका बाजे |

जब थी नही बस की,
तो ली कयूँ दस की |

जब नही था ... मैं दम,
तो कयूँ रखे मैदान में कदम |

ईत्यादि अनेक विचार दिमाग में दौङे

फिर दना दन दौङ लगाई,
बीन बरिटों खा चैन की बँसी बजाई |



Monday, December 13, 2004

Aaj Angrezi main

Friends, Indians, countrymen today i am posting from some one else's box so sir please tolerate na. Hugely big sore in your eye, blogging in english for now.

Today's blog has variety menu from Vandaloo dance to Gambhir paratha. Let me start out by saying "Sock it" to all the desi psuedo-hyper-intellect types who write high funda crap on their blogs about life, relationships, values and all bakwaas put in one place. At the risk of preaching i must say, folkers needs to get a life. Find a good girl who can tolerate your psuedo-hyper-intellect rambling 24*7 and thanks your lucky stars and who ever you believe in. Hope you get it once a day ( i meant food silly ...) and again thanks your lucky stars and who ever you believe in. You can thank me too.

Yesterday was a sub-par day. Cricket was sub par. Later went drinking, the beer was sub-par. Went to a indian resturant and the food was sub-par too.

Went to a desi family type party today. Played a lot of blackjack (what straight married man play) and came out with $5 (every turn was 10 cents ONLY, so i did win a lot). Moved on to a club and spent $15 on pool and beers. Today i discovered my pool talent. Till now i was only watching some good pool talent ;). I cleaned the board in 2 chances then took the white ball while attempting #8. Genius !! Then came the interesting bit, went to a dance club and saw crazed out dasies. Man i was so embarassed. Grown up desi guys behaving like horny teenagers. Men performing medieval type dancing with hair flying around, specs disheaveled, wide eyed zombies waving their armes and legs widely, spasmic turubulences running all over their body and they in turn bouncing off the walls everywhere. I wanted to light a fire in the middle shout "Zingalala hum zingalala, hurrr hurrrr". Gawd "dharti faat jaati aur main usme saama jaata" types embarassing. Finally managed to sneak out with couple of sensible friends and we went to a different club. Danced for a while, drank a bit more, found some good, warm people in the club to chat. Forgot what we talked about , guess beer talk and then decided to return home around 1:30.

M.S. Subbulakshmi is dead, too bad I am sad. I loved her performances (didn't understand a word of what she said). She ranks right there with Aritha Franklin (Ok " The only boy who could ever teach me was a son of a preacher man" influences me the way no other song can.)
Ganguly made 71 and India will win 3 test in a row, folker will stay captain for another 6 months.

I am reading this interesting book called ‘Chhava’, it's a must read.

Thursday, December 09, 2004

दास्तान ऐ वीभीषण

अब इंद्र भया पूछे नो कालीचरण ऊवाचः
गोराः Where is the Desi bonded Labor #1.
हमः He has gone home to visit his family.
गोराः Is he interviewing girls there to marry?
हमः Maybe, I don't know (बात टालने के लिऐ छोटा जवाब)
गोराः Man your parents do a lot for you, my parents would only not show up in my basement when i had a date over, your parents literally hand over the girl to you.
हमः Well we consider marriage to be an institution that you follow for life etc etc (लंबी लंबी छोङ रहे थे)
वीभीषण: That's all bullshit. Our society is very restrictive, no dating, no fun, arranged marriages are barbaric. People should fall in love etc. West is so much better in this case etc etc (हमारा खून उबलना चालू | मन में सोचे " अबे तूम्हारे बाबूजी नही करवाते शादी तय तो अभी घूम रहे होते छङे ")
हमः Well i am pretty happy and so is my wife, talk about yourself :)
गोरा मन ही मन खुश हो रहा था, फिर फूट डालो राज करो नीति काम आ रही है |
वीभीषण: I am talking about principles, it might work in some cases. Most women are repressed in India, the marriages will break if women were financially independent. They get burned for dowry etc etc.

गोरा खिल खिला रहा था और हमारा मन करा ऐक कन्टाप रख के दें वीभीषण को अभी दिमाग ठिकाने आ जाऐगा | फिर हमने ब्रह्मास्त्र चला ही दिया "लल्ला तोहार बिटिया का शादी कैसे तय करोगे, यहाँ के तरीक े दुनिया भर के लोंडो के साथ घुमवा कर की देश के तरीक से ?"

मानो साँप सूघ गया हो वीभीषण को | ऐक और देसी जो बैठे थे हँस हँस के बेहाल | गोरे ने अनुवाद पूछा जो विस्तार में बताया गया | वो भी चालू खी खी करना | बस वीभीषण का सँवाद खत्म, तकरीर आला फूस्स, सब लौट गऐ मजदूरी पर |

Wednesday, December 08, 2004

Aaj ki bakjhak

Great Stories these two:
http://us.rediff.com/news/2004/dec/08mohini1.htm
http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2004/12/041206_javed_strugle01.shtml
ऐक मिनिट को तो हम आशावादी हो गऐ थे |

लेपटाप का ईस्तेमाल सोच कर करें http://www.hindu.com/thehindu/holnus/001200412091020.htm?headline=Laptop~computers~%60threaten~fertility'

आज हमें परदेसी होने का ऐहसास फिर कराया गया जब हमसे "Arranged Marriage" के बारे में पूछा गया |
मन तो किया की जबर सुनायें | खैर हमने घुमा फिरा कर अमेरीका मैं तलाक के ज्यादा मामलों के बारे में सुनाया | धो धो कर नही दे पाऐ क्योंकि वीभिषण साथ थे | कौऍ टाईप की शकल है, ऊरई गाँव के दिखते हैं पर बन रहे थे अमेरिकन | लगे हुऐ थे अपने ही देश की मारने में | आखिर हम पूछ ही लिये की लल्ला तोहार बिटिया का शादी कैसे तय करोगे, यहाँ के तरीके से की देश के ? आग काफी देर तक रही |

Monday, December 06, 2004

Bhery Beeji Day

आज का पूरा दिन गया निठल्लेपन्ती में | आज सुबह का सुहाना मौसम देख कर मन तो करा वापस रजाई ओङ कर खर्राटें बजाऊँ | खैर किसी तरह पहुँचे काम पर १ घन्टा देरी से | १ घन्टा गया मेल मेल खेलने में | पुरजोर बकैती करी चैट पर | सारे अखबार चाट डाले | फिर समय हो ही गया भोजनावकाश का | पूरे २ घन्टे के बाद वापस घुसे दफ्तर में डकारें मारते हूऐ | पूनः मेल मेल और अखबार का सिलसिला| फिर काफी | फिर हरे पत्ते पर १ घन्टे का चिन्तन मनन बाकी बँधुआ मजदूरों के साथ | अब इतने गम्भीर वार्तालाप के बाद कुछ आराम तो अतिआवश्यक है | सो थोङा समय गुलाम अली साहब के साथ बिताया | फिर थोङी गैरत जागी | ८ मिनिट काम कर ही लिया | फिर सि.इ.ओ. साहब के बारे में सोचा और पाया की अगर वह ५ मिनिट सुस्ताऍ तो कम्पनी का ऊतना ही नुकसान है जितना मेरा हफ्ते भर की हरामखोरी से | बस सर ऊठाया गर्व से और निकल लिऐ खेलने के लिऐ | आखिर इतने बिजी दिन के बाद रिलेकसेसन भी होना चाहिऐ ना !

कोई हद नही है कमाल की
कोई हद नही है जमाल की

Sunday, December 05, 2004

Movie Time

Yesterday was through and through movie time. I started out by watching "The Stepford wives". Needless to say it was a drag. Then i went to the movie hall and watched "The Bourne supremacy". The movie was as good as the book, need i say more. You would think i was exhausted by this point. Heh. I proceeded to watch "The chronicles of Riddick". The movie looked more like a video game but i have to watch it again to absorb it fully or to ridicule it.
Met a few friends and proceeded to imbibe a tad from 9:00 to 12:00.


फिर आई बारी "हलचल" की | आप लोग जरूर देखें | हँसते हँसते पेट दुख गया | परेश रावल और अरशद वारसी ने अच्छा अभिनय किया है | करीना को अभिनय नही आता पर उफ्फ तौबा ! आखें चुँधिया गईं | " रोशन जमाले यार से है अन्जुमम तमाम " करीना के लिऍ सटीक है |

तू नें यह फूल जो जुल्फों में सजा रख्खा है ,
ऐक दीया है जो अँधेरों में जला रख्खा है

Saturday, December 04, 2004

पीरगेट की महिमा

झीलों के शहर भोपाल में ऐक परम पावन स्थल है "पीरगेट" नहीं नहीं किसी पीर की मजार नही है वहाँ मिलते हैं ऐक से बङकर ऐक भोपाली दूनिया भर की बकासी, रोज नई ताजी
ऐक रोज मर्रा का किस्सा सुनिऍः

दोस्त = क्यों खाँ मामू ! केऐसे हो ?
मैकेनिक = मजे में, और बोलो खाँ क्या चललया हे ? क्या जलवे मचा रिऐ हो ?
दोस्त = बस मामू, जमाना काट रिया है, अपन कटवा रिऐ हैं पुख ठीक हुई क्या मामू ?
मैकेनिक = अमाँ भन्नाट फर्रा रही है लो टेरायल कल्लो
दोस्त = गजब ! अच्छा मामू कटें
मैकेनिक = खाँ ! पेसे ??
दोस्त = सोरी यार बिरेक के बजाय, ऐकसिलरेटर दब गया
मैकेनिक = अमाँ जब लङकी और गाङी रेडी होते हैं तो अकसर बिरेक के बजाय
ऐकसिलरेटर ही दबता है

Friday, December 03, 2004

चलो दुबई !!

किसी हिनदी फिलम के साईड हीरो की तरह हमेँ भी चुल उठी है चलो दुबई !! भई यह हरे पतते के मोह ने जीवन रसहीन कर दिया है | माया मिली ना हरा पतता | अब सोचते हैं दुबई के रगिसतान को ही परख लें | सुनने मे आया है की धनोपरजन के लिऐ मुकममल जगह है |
Software Engineer, B.Tech Computer Science, IIT KGP, MS Computer Science Virginia Tech. 5 years Experience, Java / J2EE, Oracle, SQLServer, Postgres, Linux, Perl, C, Shell script, इतयादि में महारथी | Project Management, Team Lead Experience | God of all things related to Software -- Small and Large | जी हूजुरी में अववल | तो बताऍ की जाऍ की नही जाऍ ? आप लोग भी टिपपणी करें |

Wednesday, December 01, 2004

जीवन सफल हुआ !

जीवन सफल हुआ !

आज मेरे आनंद की सीमा ना पूछो ! जो सुख पहले पयार की पहली चिठठी मै नही मिला वो बलाग पर पहली टिपपणी पा कर महसूस किया | दुनिया black and white से technicolour हो गई है | आज तो जलसे मनाने का दिन है | मानो किसी जनम जनमांतर के छडे को विशव सुदंरी का सामिपय मिल गया हो |

आज का २ लाईनाः

अमीर की जिनदगी बिसकुट और केक पर
डायवर की जिनदगी कलच और बरेक पर