तुरत फुरत + Century
सुबह सुबह रचनात्मक और पचनात्मक कब्ज हो गई. पाखाने में जो बैठ कर दिमाग में आया वो यहाँ चैंप रहा हुँ. मेरे आज १०० पोस्ट हो गऍ !!
ठन्डी की सुबह फिरोजशाह कोटला मैदान पर औस
पवेलियन में बैठ कर चैपल दे रहा सबको धौंस
दे रहा सबको धौंस की खबरदार जो प्रेस से बोले
रन बने ना बने जो मुँह खोला वो हल्ले हो ले.
हल्ले हो ले वो भी जो पठान को बेट्समेन ना माने
गाँगुली का नाम लेने वाला भी अपनी शामत जाने.
अपनी शामत जाने खान गम्भीर और नेहरा
कैफ का देखना नही मुझे कुछ बरसों ं तक चेहरा.
चेहरा देख देख जिनका उम्मीद लगाऍ काली
वो द्रविड़ बन बैठे पुतले वैंगसरकर बजाऍ ताली.
ठन्डी की सुबह फिरोजशाह कोटला मैदान पर औस
पवेलियन में बैठ कर चैपल दे रहा सबको धौंस
दे रहा सबको धौंस की खबरदार जो प्रेस से बोले
रन बने ना बने जो मुँह खोला वो हल्ले हो ले.
हल्ले हो ले वो भी जो पठान को बेट्समेन ना माने
गाँगुली का नाम लेने वाला भी अपनी शामत जाने.
अपनी शामत जाने खान गम्भीर और नेहरा
कैफ का देखना नही मुझे कुछ बरसों ं तक चेहरा.
चेहरा देख देख जिनका उम्मीद लगाऍ काली
वो द्रविड़ बन बैठे पुतले वैंगसरकर बजाऍ ताली.
6 Comments:
१०० पोस्ट पूरी करने पर बधाई
वाह क्या सैंचुरी मारी है।
बहुत खूब! ये अंदाज है शतक छक्के से पूरा करने का! रचनात्मक और पचनात्मक सूझ के लिये बधाई!
आज पता चला अच्छी रचनाएं कहाँ पनपती हैं.
आपके शतक का तालियों के साथ स्वागत करता हूँ. बधाई.
बहुत बहुत बधाई आपको
दूसरी सैंचूरी का इनतेज़ार रहेगा :)
...पाखाने में जो बैठ कर दिमाग में आया वो यहाँ चैंप रहा हुँ. ...
बताने की जरूरत नहीं है... आप अलग नहीं हैं. सभी चिट्ठाकार यही करते हैं :)
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