तो भैया कौन सी नयी बात है ये। हमारा कानपुर शहर, अच्छे खासे औद्योगिक शहर, ना जाने कब का धूल, धक्कड़ और कुली मवालियों के शहर मे तब्दील हो गया। फिर भी लगे रहो...झाड़े रहो कलक्टरगंज
अभी तीन साल पहले तक अहमदाबाद सबसे प्रदुषित शहर था. कानपुर से भी ज्यादा. आज सबसे कम प्रदुषित शहरों में से है... जरूरत है ईच्छाशक्ति की.. सबकुछ हो सकता है... कारखाने शहर से दूर भी जा सकते हैं और सी.एन.जी. वाहन भी चल सकते हैं.. मुलायम में है इतनी ईच्छाशक्ति?
6 Comments:
अरे जीतू भाई , कहाँ है आप , देख ले आप का मस्तक गर्व से ऊँचा जो हो गया, वैसे मै भी बगल मे ही बैठा हूँ, लखनऊ का नम्बर आने मे अधिक समय नही है।
प्रभात
फिर तो शर्तिया मेरे शहर रतलाम का नाम पहला होगा :)
और अगर नहीं है तो सर्वेक्षण करने वालों से कुछ गलती हो गई होगी. :)
तो भैया कौन सी नयी बात है ये।
हमारा कानपुर शहर, अच्छे खासे औद्योगिक शहर, ना जाने कब का धूल, धक्कड़ और कुली मवालियों के शहर मे तब्दील हो गया। फिर भी लगे रहो...झाड़े रहो कलक्टरगंज
यह् कोई नई बात नहीं.. ना चौंकाने वाली.
अभी तीन साल पहले तक अहमदाबाद सबसे प्रदुषित शहर था. कानपुर से भी ज्यादा. आज सबसे कम प्रदुषित शहरों में से है... जरूरत है ईच्छाशक्ति की.. सबकुछ हो सकता है... कारखाने शहर से दूर भी जा सकते हैं और सी.एन.जी. वाहन भी चल सकते हैं.. मुलायम में है इतनी ईच्छाशक्ति?
बहुत सही बात कही है पंकज भाई. जो सफाई अहमदाबाद, नागपुर और सूरत में हुई है वो सभी शहरों में हो तो क्या बात हो.
हां देखा.यह भी देखो.
http://hindini.com/fursatiya/?p=198
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