Sunday, December 19, 2004

बाजी की लग गई

जी नही ऊपर मैंने गलती से नही लिखा है । मैं तो बात कर रहा हुँ http://www.baazi.com की । भई मामला सनसनीखेज हो गया । सभ्य और सुशील लोंगो की पप्पी झप्पी बासी खबर हो गई | वास्तविकता जैसी खबरें वैसी तो नई वास्तविकता मिल ही गई स्कूलों में | नेता और मिडिया दोनों ही पूलिस के पीछे हाथ धो कर पङ गऍ । पूलिस वालों पर दया आ रही है मुझे । ऍक तो दिल्ली में नेताओं की गुलामी और अब यह । भाई कमाई कब करें । अब पूलिस वही करेगी जो उसके बस की है । यानी जिनसे पैसा नही खाया है उनको पकङो । भई फूँक कार्य का सुख पाने वाला रहा नाबालिग और धनाड्य घर वाला । पूत के पाँव पालने में (और .... कहाँ पर :) ) े । बाकी पालिका बाजार वालों के हफ्ते से चलता है चाय पानी । सो बचे बेचारे बाजी के सी. ई. ओ. और आई आई टी का होनहार ईंजीनियर । सभ्य हैं, सुशील हैं, मतलब बली के बकरे के सारे गुण मौजूद हैं । वैसे आई आई टी वाले को यहाँ पर आराम से नग्नतापुर्ण जालोद्योग में रोजगार मिल जाऍगा ।

मूद्दा यह है की हम सभी जानते हैं की दोषी कौन है । पुलिस विभाग की काबिलियत पर कोई शक नही है ।

तो पालिका बाजार वालों पर कानूनी कार्यवाही होगी की नही,
छोटु जेल जाऍगा ? बाजी वाला छूट पाऍगा ? देखेंगे अगले हफ्ते .. हम लोग ।

तेरे दर पर है रुसवाई यह इल्म ना था साहिल
रूख हवाओं का वरना हम बदल देते

2 Comments:

Blogger आलोक said...

यार वो वीडियो है कहाँ? हमने तो अभी तक देखा ही नहीं।

5:59 AM  
Blogger Kalicharan said...

alokji underage baccho ke kaam hain kya dekhna aapne humne. Waise woh illegal bhi hai :)

10:06 PM  

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