अब
इंद्र भया पूछे नो कालीचरण ऊवाचः
गोराः Where is the Desi bonded Labor #1.
हमः He has gone home to visit his family.
गोराः Is he interviewing girls there to marry?
हमः Maybe, I don't know (बात टालने के लिऐ छोटा जवाब)
गोराः Man your parents do a lot for you, my parents would only not show up in my basement when i had a date over, your parents literally hand over the girl to you.
हमः Well we consider marriage to be an institution that you follow for life etc etc (लंबी लंबी छोङ रहे थे)
वीभीषण: That's all bullshit. Our society is very restrictive, no dating, no fun, arranged marriages are barbaric. People should fall in love etc. West is so much better in this case etc etc (हमारा खून उबलना चालू | मन में सोचे " अबे तूम्हारे बाबूजी नही करवाते शादी तय तो अभी घूम रहे होते छङे ")
हमः Well i am pretty happy and so is my wife, talk about yourself :)
गोरा मन ही मन खुश हो रहा था, फिर फूट डालो राज करो नीति काम आ रही है |
वीभीषण: I am talking about principles, it might work in some cases. Most women are repressed in India, the marriages will break if women were financially independent. They get burned for dowry etc etc.
गोरा खिल खिला रहा था और हमारा मन करा ऐक कन्टाप रख के दें वीभीषण को अभी दिमाग ठिकाने आ जाऐगा | फिर हमने ब्रह्मास्त्र चला ही दिया "लल्ला तोहार बिटिया का शादी कैसे तय करोगे, यहाँ के तरीक े दुनिया भर के लोंडो के साथ घुमवा कर की देश के तरीक से ?"
मानो साँप सूघ गया हो वीभीषण को | ऐक और देसी जो बैठे थे हँस हँस के बेहाल | गोरे ने अनुवाद पूछा जो विस्तार में बताया गया | वो भी चालू खी खी करना | बस वीभीषण का सँवाद खत्म, तकरीर आला फूस्स, सब लौट गऐ मजदूरी पर |