Saturday, January 15, 2005

बुल्ला की जाना २

भई स्वामी जी ने हमें बुल्ला की जाना के बारे में कुछ उत्साहित किया तो यह लिजिऍ सम्पुर्ण जानकारी .

अनुगुँज के किस्से पङ कर मजा आ गया . भई प्यार के टाँपिक पर हम कुछ कहने में संकुचाते है क्योंकि हमें यह मर्ज कभी नही हुआ . यह हमें कभी समझ नही आया . यह हमें तो सारा हार्मोनल खेल ही लगा .शायद हमारे सेरिबर्म का विकास इस सन्दर्भ मे नही हो पाया . क्या हम इकलौते ही इस मामले मे पीछे रह गऍ ?

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