Sunday, August 20, 2006

नागर वाले बाबा के दर्शन.

पिछले हफ्ते हमने हर सच्चे अमेरिका भक्त देसी की तरह नागर वाले बाबा के झरने यानि नायादरा फाल्स के दर्शन किऐ. झरने के विहन्गम रूप को देख कर अनेकोनेक पुण्य कर्मों के फल को प्राप्त किया जाता है ऐसी मान्यता है. कुल मिला कर सप्ताहन्त में १६ घन्टे की कार यात्रा रही. रास्ता रमणीय था सो थकान ज्यादा नही हुई. गरमी के दिनों मे हरे हरे पेड़ों से पटे पहाड़ थकती आँखों में नया जोश भर देते हैं. ८ घन्टे बाद हमने कार रोकी झरने के समीप बने देसी ढाबे पर. धार्मिक भारतीय भक्तों को यह जगह पसन्द है इसका सबूत है जगह जगह उगे हुऍ ढाबे. भोजन करने के पश्चात "मेड आफ द मिस्ट" नामक जहाज पर यात्रा करी जो सीधे झरने के मुख पर ले जाकर खड़ी हो जाती है. झरना दो तरह का है. पहले छोटा झरना है जिसके बाद आता है घोड़े की नाल के आकार का बढा झरना जिसमे प्रचुर वेग से लाखो गेलन पानी नीचे चट्टानों पर गिरता है. जो मिस्ट या धुँध इस पानी के गिरने से बनती है इस नजारे को और भी सुन्दर बना देती है. १ घन्टा जहाज पर बिताने के बाद हम चले "केव आफ द विन्ड" की और. इसमे आप छोटे वाले झरने के ठीक नीचे खड़े होकर पानी के वेग को महसुस कर सकते हैं. साबुन लगा कर जाइऐ, झरने के पानी से नहाकर चमचमाते हुऐ निकलेंगे.
इस परम पूण्यदायी धाम के दर्शन करने के बाद हम वापस लौट चले कालीधाम की ‌और. रासते में हम रुके बफैलो में जहाँ से "बफैलो विन्गस" का नाम पड़ा है. ना ना प्रकार के चिकन विन्गस चबाकर हमने जो गाड़ी सरपट दौड़ाई तो सीधे रोकी घर पर. चित्र हम आज कल में अपलोड कर देंगे.

2 Comments:

Blogger आलोक said...

गॉड जी,
नागर बाबा मैं देखते देखते रह गया। पिट्स्बर्ग में था लेकिन उन दिनों ठण्ड इतनी थी कि हिम्मत नहीं हुई।
दर्शन की मुबारक हो।

10:44 AM  
Anonymous Anonymous said...

वैसे ये कालीधाम है कहाँ, हमें लगता है कि हम कालीधाम के आसपास ही कहीं हैं।

5:42 PM  

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