Saturday, July 16, 2005

नया चिट्ठा

सुबह सबेरे हम महूरत देखे, नरियल फोडे और ऐक नये बकर अड्डे की स्थापना कर दिए. समय मिले तो आईएगा अन्गरेजी में बकैती करेंगे. पर हाँ अपने हिन्दी प्रेम में कोई कमी नही आने की ये वादा रहा.

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